उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ और उनके सांस्कृतिक संगठन हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़ने वालों की संख्या में अचानक तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश कार्यालय प्रभारी इंजीनियर पीके मल्ल के मुताबिक योगी से जुड़ाव बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के आवेदन आ रहे थे.
2002 में युवा वाहिनी के गठन से लेकर अबतक इस संगठन में शामिल होने के लिए कोई ख़ास नियम कानून नहीं था लेकिन अब योगी सीएम बन गए हैं, ऐसे में विवादस्पद या अपराधी किस्म के लोग इसमें न आ जाएं, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. पीके मल्ल ने कहा कि पहले कार्य करने में इच्छुक लोग संगठन में शामिल होते थे लेकिन योगी के सीएम बनने के बाद अब लोग ग्लैमर और पावर की वजह से युवा वाहिनी में शामिल हो रहे हैं. ऐसे लोगों से बचने के लिए हमने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर युवा वाहिनी का सदस्य बनाने का फैसला किया है.
पहले युवा वाहिनी में शामिल होने के लिए मासिक बैठक में शामिल होने के बाद एक फॉर्म भरकर सदस्य बन जाते थे लेकिन अब सभी सदस्यों को ऑनलाइन फॉर्म भरकर दस्तावेज़ देने होंगे और जो लोग जांच में उपयुक्त पाए जायेंगे वो ही सदस्य बनाये जायेंगे. दागी लोगों से बचने के लिए स्क्रूटनी का सहारा लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में ज़िला और महानगर इकाइयों को मिलाकर कुल 88 इकाइयां हैं. इसमें 75 ज़िले हैं और 13 स्थानीय इकाइयां हैं. सभी इकाइयों को मिलकर ढाई लाख से ज्यादा सदस्य हैं. हालांकि पीके मल्ल इस संख्या को सवा करोड़ होने का दावा करते हैं. उनके मुताबिक योगी में आस्था रखने वाले लोग युवा वाहिनी से जुड़े हैं.
लेकिन अब जिन लोगों को इस संगठन से जुड़ना होगा, उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरकर आवेदन करना होगा. इस आवेदन को स्थानीय इकाइयों को देकर उनकी जांच कराई जाएगी और अगर जांच में आवेदक की छवि सही पाए गई तभी उसे सदस्य बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस स्क्रूटनी विधि को लागू करने में एक साल का वक्त लगेगा, इसलिए फिलहाल अगले एक साल तक युवा वाहिनी में आवेदन किया जा सकता है, नया सदस्य नहीं बना जा सकेगा.

0 comments:
Post a Comment