प्रदेश

मदरसों में पढाये जायेगे मोदी-शिवराज

मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने फ़ैसला लिया है कि 'इस्लाम में वतन से मोहब्बत' विषय पर अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जाए. लेकिन राज्य के मुस्लिम संगठन इस पर ख़ासे नाराज़ हैं.
मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद इमादुद्दीन ने अपने फ़ैसले को सही ठहराते हुए कहा, "वतन से मोहब्बत ईमान की निशानी है. यह ज़रूरी है कि बच्चों को देशप्रेम का पाठ पढ़ाया जाए. यही वजह है कि इस्लामिक स्कॉलर यह पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं."

दूसरी ओर, मुस्लिम नेताओ ने इसका विरोध करते हुए कहा की "सिलेबस में कट्टर हिंदुत्व' को स्वीकार नहीं करेगे.ऐसा लगता है कि मुसलमान बच्चों को ही देशप्रेम का पाठ पढ़ाने की ज़रूरत है. यदि अगर यह पाठ्यक्रम हर शिक्षा संस्थान में पढ़ाया जाए तो वो उसका स्वागत करेंगे, लेकिन उनका विरोध सिर्फ़ मदरसों में ही इसे पढ़ाने पर है.

कोऑर्डिनेशन कमेटी फ़ॉर इंडियन मुस्लिम्स की मध्य प्रदेश इकाई के सचिव मसूद अहमद ख़ान ने कहा, "अगर पढ़ाना है तो हर स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए. अगर सिर्फ़ मदरसों में पढ़ाना चाहते हैं तो इसका मतलब यही है कि मुसलमान बच्चों पर शक किया जा रहा है कि वे अपने वतन से मोहब्बत नहीं करते हैं."

इस पाठ्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय, भारत के प्रथम केन्द्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित देश की कई हस्तियों की जीवनी को पढ़ाया जाना है.

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